Wednesday, April 27, 2011

गुजरा वक़्त

पास आकर दूर चले जाते है ॥
हम अकेले थे , अकेले रेह जाते है
दिल का दर्द किसे बताये
मरहम लगाने वाले ही , ज़ख़्म दे जाते है

आपकी आँखों में सितारा नज़र आता है ,
डूबते दिल को किनारा नज़र आता है,
कैसे रोके आरज़ू के समंदर को ?
हर सितम आपका , इशारा नज़र आता है ॥

वक़्त के पन्ने पलट कर ,
फिर वो हसींन लम्हे जीने को दिल चाहता है
कभी मुस्कुराया करते थे सब दोस्त मिलकर ,
उन्हें आज देखने को दिल तरस जाता है ॥

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