Wednesday, March 16, 2011

मेरे कातिल

वो जो वादा करते थे
क़यामत तक साथ निभाने का
अपने वादों के साथ वो भी
कब के माज़ी हो गये |
इस अदा से उसने माँगा, हक-ए-मोह्हब्बत
अपने कतल के फरमान पर
हम भी राज़ी हो गये |
इसे फैसला तक़दीर का माने
या हालात का कहर
कतल किया उसने मेरा
जो अब क़ाज़ी हो गये |
सज़ा दे तो दे किसको ए खुदा
सुना है मेरे कातिल अब हाजी हो गये |
- Babli

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